SOCIAL WELFARE, WOMEN & CHILD DEVELOPMENT DEPARTMENT

The Department of Social welfare, women and Child Development can look back at the achievements of the last 5 years in the areas of nutrition, care for the physically challenged and empowerment of women. Our campaign against malnutrition among children between the ages of 0 to 6 year has reached a new high with the universalisation of the ICDS program. All children irrespective of their caste, creed and colour are benefited by this scheme which covers pregnant and lactating mothers as well. This is an important step in ensuring that the child of the poorest family in the State is ensured of adequate supplementary nutrition when it is most needed for his or her overall mental and physical well-being.

समर अभियान के मुख्य कदम

  • प्रत्येक आँगनबाड़ी केन्द्र के पोषक क्षेत्र के लिए एक समर पोषण दल का गठन
  • प्रत्येक आँगनबाड़ी केन्द्र के पोषक क्षेत्र में पड़ने वाले प्रत्येक घर में समर पोषण दल द्वारा बच्चों, किशोरियों, युवतियों एवं गर्भवती महिलाओं में कुपोषण एवं अनीमिया के लक्षण की पहचान करना,
  • प्रत्येक आँगनबाड़ी केन्द्र के पोषक क्षेत्र में लक्षण आधारित पहचान किये गये कुपोषण एवं अनीमिया से ग्रसित बच्चों, किशोरियों, युवतियों एवं गर्भवती महिलाओं को ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण दिवस (VHSND) के दिन आँगनबाड़ी केन्द्र में लाना तथा कुपोषण एवं अनीमिया की पुष्टि के लिए विभिन्न परीक्षण करवाना,
  • कुपोषण एवं अनीमिया से ग्रसित बच्चों, किशोरियों, युवतीयों, धात्री एवं गर्भवती महिलाओं के निरन्तर ट्रैकिंग एवं निगरानी करने के लिए एक Dashboard तैयार किया जायेगा। इस Dashboard के माध्यम से कार्यक्रम की प्रगति देखी जा सकेगी तथा प्रखण्ड, आँगनबाड़ी केन्द्र एवं परिवार स्तर तक के पोषण सूचकांको की विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकेगी,
  • चिकित्सीय जटिलता वाले अति गंभीर कुपोषण से ग्रस्त बच्चों (1 माह से 5 वर्ष) को कुपोषण उपचार केन्द्र में दाखिल करवाना, जन्म से 1 माह तक के बच्चों का उपचार Special New Born Care Unit (SNCU) में करवाना,
  • अति गंभीर कुपोषण से ग्रस्त बच्चे जिनमें कोई चिकित्सीय जटिलता न हो एवं भूख की जाँच में पास हो उनका उपचार सामुदाय आधारित देखभाल एवं प्रबंधन कार्यक्रम में करवाना,
  • गंभीर अनीमिया से ग्रस्त बच्चों, किशोरियों, युवतियों एवं गर्भवती महिलाओं को अग्रतर उपचार हेतु निकटतम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर भेजना,
  • ऐसे सभी घर जहाँ पर कुपोषित बच्चे, किशोरियाँ, युवतियाँ अथवा गर्भवती महिलायें चिन्हित होती हैं, उन्हें सरकार के विभिन्न विभागों के ऐसे कार्यक्रमों से जोड़ना जिनका कुपोषण निवारण पर प्रत्यक्ष या परोक्ष प्रभाव होता है।

समर अभियान के मुख्य लाभुक

समर अभियान के अन्तर्गत मुख्यतः निम्नांकित श्रेणियों के लाभुक पर ध्यान केन्द्रित किया जायेगा

  • जन्म से 6 माह तक आयु वर्ग के शिशु
  • 6 माह से 5 वर्ष तक आयु वर्ग के बच्चे
  • 5 वर्ष से 9 वर्ष तक आयु वर्ग के बच्चे
  • 10 वर्ष से 19 वर्ष तक आयु वर्ग की किशोरियाँ
  • 20 वर्ष से 24 वर्ष तक आयु वर्ग की युवतियाँ
  • सभी धात्री एवं गर्भवती महिलाएँ